सुबह और शाम
लड़कियों के कानों में गूँजता था यह शोर
“आओ-आओ बाग के ताजे फल ले लो
आओ ले लो, आओ ले लो -
सेब और वीही
नींबू और संतरे
रस से भरी चेरी
खरबूजे और रसभरी
लाल-लाल गालों जैसी नाशपाती
मस्त सिरों वाले शहतूत
जंगल में पैदा हुए क्रेनबेरी
ललमुँहा-सेब,
अनानास, ब्लैकबेरी
अखरोट, स्ट्राबेरी
पके हैं सारे साथ-साथ
गर्मी के मौसम में
सरकती सुबह में
शाम की महकती हवा में
आओ ले लो, आओ ले लो
बेल से टूटे ताजे अंगूर
भरपूर दानों से भरे अनार
खजूर और अजब तेज
बगूगोशा और नाक
डैमसनस् और डिलबेरीज
चख के देखो, ले के देखो
मुनक्का और करौंदा
सुर्ख लाल बारबेरीज
मुँह में भर जाएँ ऐसे अंजीर
दक्षिण से आई खट्-मिट्ठी
जो जीभ पर जाए घुल और आँखों में छा जाए
आओ-आओ, जल्दी आओ”
शामों-सहर
नदी किनारे
लौरा सिर झुकाए, कान लगाए
इस गाने पर ध्यान लगाए
बैठी रहती थी
लिजी ढाँपती कान उसके
समेट लेती खुद में उसको
सुहाने मौसम में
अपनी गुदाज बाँहों में, सावधान करते होंठों से
अपने सिहरते गालों से, काँपती उँगलियों से
लौरा ने कहा “करीब हो जाओ”
उसके सुनहरे बालों में उँगलियाँ फेरते हुए बोली -
“हमें बिल्कुल नहीं देखना चाहिए उन मायावी बौनों को
न ही खरीदने चाहिए उनके फल
किसे पता वो किस मिट्टी में हैं उगे
किसे पता उनकी जड़ों में किस हवस की प्यास है”
“आओ आओ ले के जाओ”
बौने व्यापारियों की आवाज
घाटी में टकराती
उसकी आँखों को ढाँप के इतना की वो बामुश्किल ही कुछ देखे
लिजी कराही "ओह! लौरा तुमको नहीं झाँकना चाहिए उन बौनों की दुनिया में"
पूरी कविता पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
|
|
|
|
|
|
संरक्षक
प्रो. गिरीश्वर मिश्र
(कुलपति)
संपादक
प्रो. आनंद वर्धन शर्मा
फोन - 07152 - 252148
ई-मेल : pvctomgahv@gmail.com
समन्वयक
अमित कुमार विश्वास
फोन - 09970244359
ई-मेल : amitbishwas2004@gmail.com
संपादकीय सहयोगी
मनोज कुमार पांडेय
फोन - 08275409685
ई-मेल : chanduksaath@gmail.com
तकनीकी सहायक
रविंद्र वानखडे
फोन - 09422905727
ई-मेल : rswankhade2006@gmail.com
कार्यालय सहयोगी
उमेश कुमार सिंह
फोन - 09527062898
ई-मेल : umeshvillage@gmail.com
विशेष तकनीकी सहयोग
अंजनी कुमार राय
फोन - 09420681919
ई-मेल : anjani.ray@gmail.com
गिरीश चंद्र पांडेय
फोन - 09422905758
ई-मेल : gcpandey@gmail.com
|
आवश्यक सूचना
|
हिंदीसमयडॉटकॉम पूरी तरह से अव्यावसायिक अकादमिक उपक्रम है। हमारा एकमात्र उद्देश्य दुनिया भर में फैले व्यापक हिंदी पाठक समुदाय तक हिंदी की श्रेष्ठ रचनाओं की पहुँच आसानी से संभव बनाना है। इसमें शामिल रचनाओं के संदर्भ में रचनाकार या/और प्रकाशक से अनुमति अवश्य ली जाती है। हम आभारी हैं कि हमें रचनाकारों का भरपूर सहयोग मिला है। वे अपनी रचनाओं को ‘हिंदी समय’ पर उपलब्ध कराने के संदर्भ में सहर्ष अपनी अनुमति हमें देते रहे हैं। किसी कारणवश रचनाकार के मना करने की स्थिति में हम उसकी रचनाओं को ‘हिंदी समय’ के पटल से हटा देते हैं।
ISSN 2394-6687
|
हमें लिखें
|
अपनी सम्मति और सुझाव देने
तथा नई सामग्री की नियमित
सूचना पाने के लिए कृपया इस
पते पर मेल करें :
mgahv@hindisamay.in
|

|
|